घर में आइस पाइस*
ठिठुरन संग।
छुपा हूँ रजाई में।
ठिठुरन देखती
पकड़ नहीं पा रही
कह नहीं पा रही
- वो: देखो !
रोज होता ऐसा
पर आज ठिठुरन
आई संक्रांति सहेली संग।
संक्रांति बेशरम
खींचती है रजाई
नहाने को कहती है।
संक्रांति आई है
बस एक दिन के लिए
ठिठुरन सहेली संग जाएगी
अनजान देश।
मैं भी खुश
चलो ठिठुरन संग
जाएगा बचपना भी
रजाई में दुबक छिपना।
कितना अजीब !
सहेली के जाने पर भी
यूँ खुश होना।
आज मित्र बसंत की पाती आई है।
आने का वादा किया है।
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* आइस पाइस - लुका छिपी का खेल।
रोज होता ऐसा
जवाब देंहटाएंपर आज ठिठुरन
आई संक्रांति सहेली संग।
संक्रांति बेशरम
खींचती है रजाई
नहाने को कहती है।
अति सुन्दर !
प्रातः स्नान
जवाब देंहटाएंसूर्य नमस्कार
दान चावल स्पर्श
सबके नाम से सीधा
तिल गुड का भोग
नाना प्रकार के लाइ
मकर संक्रांति की पावन सुबह है ये
सभी को बधाई!
दही चुडा भोजन
पतंगे गुल्ली डंडा
संध्या स्वादिष्ट खिचड़ी
तरकारी, पापड़, चोखा...
बहुत ठंड भाई,
जवाब देंहटाएंठंडा गई रजाई,
स्नान कैसे हो
चिंता गहराई
अजी छोडो नहाना होली पर नहा लेना, बहुत सुंदर चित्र ओर बहुत सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर शब्द-चित्र. इस बार की ठंड खूब लिखवा रही है...
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया ....... ठंड अपनी सहेली के साथ ..... रज़ाई.......... नहाना ......... बचपन भी साथ ले आया आपकी कविता का रंग .........
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता!
जवाब देंहटाएंरजाई.....आ हा हा.....किस चीज का नाम ले लिया भई :)
जवाब देंहटाएंयहां मुंबई में तो इसको देखने के लिये आँखें तरस जाती हैं, ससुरी ठण्डी आती ही नहीं :)
वाह भाई बड़ा अच्छा लगा ..
जवाब देंहटाएं'' पर आज ठिठुरन
आई संक्रांति सहेली संग ''
पर क्या सच ही ठिठुरन संक्रांति की सहेली बन कर आयी है ?
अंतिम में तो गजब ही रहा .. एकदम फिट ..
'' आज मित्र बसंत की पाती आई है।
आने का वादा किया है।''
ठिठुरन आयी संक्रांति सखी संग ....जाना है परदेश अब ...
जवाब देंहटाएंठिठुरन भी चली जायेगी ...संक्रांति भी गयी ...
बचपना ....कभी नहीं ...!!
वसंत की पाती आयी हैं ...बेजोड़ कविता ...!!
इस बार संक्रांति ने आपको "टीप" मार दिया.......
जवाब देंहटाएंबच्चे लोग तो ये फोटू देख कर हँसते हँसते लोट पोत हो रहे हैं.....
मैंने बताया कि ये निर्विवाद "आलसी सम्राट" हैं....
बहुत कुछ "लापतागंज " के "कछुआ काका" की तरह.........
वसंत आगमन की शुभकामनाओ सहित........
आपकी बिटिया गरिमा का कहना है कि---" काम करने का मन नहीं करा रहा है इसीलिये रजाई में छिपे हैं ......."
जवाब देंहटाएंजो वादा किया है निभाना पड़ेगा .. गर्म पानी से सही नहाना पड़ेगा
जवाब देंहटाएंनहाने को कहती है तो नहा लीजिये न ! रिकार्ड बनाना जरूरी तो नहीं !
जवाब देंहटाएंहम कुछ न कहेंगे ! वसंत की प्रतीक्षा करेंगे ।
जवाब देंहटाएंअभी बचा कर रखा है बचपना ? खुश हैं कि जायेगा बचपना ?
दोनों ’?’ के लिये - विचित्र हैं आप !