धड़कनों में जान सुनाई देती है
आहट-ए-रैहान * सुनाई देती है।
मत बढ़ो आगे अब गलबहियों से
हुस्न सजी दुकान दिखाई देती है।
जुटने लगे कत्ल के सामान सब
लबों पर मुस्कान दिखाई देती है।
आजिजी आमद किनारे खुदकुशी
मौत कुछ परेशान दिखाई देती है।
बढ़ गये हैं शहर में काफिर बहुत
बढ़ गये हैं शहर में काफिर बहुत
हर तरफ अजान सुनाई देती है।
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अहा..
जवाब देंहटाएंबहुत अचछी लगी गज़ल। ..बधाई। काफिर और अजान का प्रयोग आपने कर ही दिया।:)
जवाब देंहटाएंबढ़ गये हैं शहर में काफिर बहुत
जवाब देंहटाएंहर तरफ अजान सुनाई देती है।
खतरनाक पंक्तियाँ ! काफिर बढ़ गए है तो अजान सुनायी देती है !हम्म !