मंगलवार, 11 नवंबर 2014

चाय ठंडी हुई!

गुनगुनी प्रात
कुनकुनी धूप
उनके होठों पर
पाटल दल स्पर्श
देह ओस ठिठकी
उड़ी भाप
चाय ठंडी हुई!