मंगलवार, 10 नवंबर 2015

आओ राम!

आओ राम!
कौशल्याओं की कुशल हो आओ,
विश्वमित्रों के सम्बल हो आओ,
ताड़काओं के तारक बन आओ,
अहल्याओं के हल हो आओ,
मन सीता के कृषक वर आओ,
शबरी की अगोर मिटे, आओ,
शरभंग पीर शमन को आओ,
शोषक दूषण दमन को आओ,
अगस्त्यों के उद्योग बन आओ,
वानर भल्लूक सहयोग बन आओ,
राक्षस उद्दंड दहनहनु आओ,
नगर गाँव वनप्रांत अमा,
द्वादश आदित्य सहज सँग आओ।
कसौटियों पर कसे सनातन,
हिरण्यदीठ लीक सम आओ॥