जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
karm hi pooja hai.uttam.
सचमुच पसीने की पूजा ही असली पूजा है।
वाह ! गज़ब कर दिया चंद शब्दो मे ही सब कह दिया।
संदेश, स्पष्ट।
कर्म ही पूजा हैपसीना बहा लियाप्रसादरोटी है।...बहुत खूब।
कील से टँगे भगवान खूँटी पर टँगा पसीना...रोटी ठंड़ी हो रही है...क्या खूब -विता...
ऐ किसान तेरी कुटी राजमहल अनुहार।एक श्वेद कण ही रहा मोती मोल हजार॥गागर में सागर भर दिया आपने।
karm hi pooja hai.
जवाब देंहटाएंuttam.
सचमुच पसीने की पूजा ही असली पूजा है।
जवाब देंहटाएंवाह ! गज़ब कर दिया चंद शब्दो मे ही सब कह दिया।
जवाब देंहटाएंसंदेश, स्पष्ट।
जवाब देंहटाएंकर्म ही पूजा है
जवाब देंहटाएंपसीना बहा लिया
प्रसाद
रोटी है।
...बहुत खूब।
कील से टँगे भगवान
जवाब देंहटाएंखूँटी पर टँगा पसीना...
रोटी ठंड़ी हो रही है...
क्या खूब -विता...
ऐ किसान तेरी कुटी राजमहल अनुहार।
जवाब देंहटाएंएक श्वेद कण ही रहा मोती मोल हजार॥
गागर में सागर भर दिया आपने।