शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

"मैडम को सफेद अच्छा लगता है।"



मैंने पूछा था - यह सफेद ड्रेस? अब स्कूल जाओगे?
उसने कहा - बड़े भैया जी का है।
अपने साँवले हाथों को देखते
नजर झुकाई और जोड़ा..
"मैडम को सफेद अच्छा लगता है।"

19 टिप्‍पणियां:

  1. बच्चे भी पसंद नापसंद जानते हैं अपनी और दूसरों की भी

    जवाब देंहटाएं
  2. haan...
    hota hai hota hai...bachwan Maidam logan ka pasand-napasand ka bahute khyal rakhte hain...
    bahute gaaib rahte hain aap...Valentine day ka dinwa mein jon khambha ka jikr kiye rahe ...wahi khambha nahi chhod rahen hain ka ..ii dinwa...
    ha ha ha ha ...

    जवाब देंहटाएं
  3. यानि कि सफ़ेदी अभिशप्त ही नहीं मैडम की बंधक भी है !

    जवाब देंहटाएं
  4. यही तो है कि हमें सफ़ेद अच्छा लगता है मगर काला करने से संकोच नहीं करते!
    ...आपके कटाक्ष तिलमिलाने वाले हैं ...उम्मीद है कि आगे और भी पढ़ने को मिलेगा, अच्छे विषय का चयन किया है आपने.

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सर गर्भित ढंग से एक बाल-मजदूर ( घरेलू नौकर) की व्यथा बयान करने हेतु आपका शुक्रिया राव साहब ! सूक्ष्म मगर बेहतर ढंग की प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं
  6. Nice. कविता तो वही है जिसे पढ़कर चेहरे पर अनायास ही मुस्कान आ जाए.

    जवाब देंहटाएं
  7. मैं जब स्कूल में था.... मेरी एक मैडम बहुत अच्छी लगती थी मुझे..... मुझे उनसे प्यार हो गया था.... उनको मेरे सिल्की बाल बहुत अच्छे लगते थे.... तो मैं रोज़ शैम्पू कर के स्कूल जाता था...

    आपकी यह पोस्ट बहुत बढ़िया लगी.....

    जवाब देंहटाएं
  8. इस मेडम को हिमालय पर भेज दो वहा १२ महीने सफ़ेदी रहती है...

    जवाब देंहटाएं
  9. अब यह सिर्फ बड़े घरों की बात नहीं है , मध्यवर्गीय घरों में भी कामकाजी महिलायें अपने बच्चों को सम्भालने के लिये के बच्चे रखती हैं ..लेकिन उनके पास उच्च वर्ग के बनिस्बत विशाल ह्रदय होता है..। यह मैडम किस वर्ग की है आप समझ सकते हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  10. आदाब
    कई भाव समेट दिये हैं चंद पंक्तियों में...
    वाह

    जवाब देंहटाएं
  11. मैडम को सफ़ेद ही क्यूं अच्छा लगता है?
    अच्छा सवाल छोडा है....

    जवाब देंहटाएं
  12. सफेद की सफेदी कहाँ रही. सफेदी तो लाल में चली गयी है.

    जवाब देंहटाएं