माँ अमर नहीं करती
जन्म दे बड़ा कर देती है।
पहली बार जिस दिन
माँगता है क्षमा पिता
संतति से किसी भूल की
टपकता है उसकी आँख से
अमृत
और बढ़ जाती है
आयु
कुछ सदियाँ और
मनुज की भूमि पर।
करते हैं पिता अमर
होते हैं कई गुना बड़े
उनके सम्वत्सर।
वे भूल करते हैं,
माँ कभी नहीं करती।
जन्म दे बड़ा कर देती है।
पहली बार जिस दिन
माँगता है क्षमा पिता
संतति से किसी भूल की
टपकता है उसकी आँख से
अमृत
और बढ़ जाती है
आयु
कुछ सदियाँ और
मनुज की भूमि पर।
करते हैं पिता अमर
होते हैं कई गुना बड़े
उनके सम्वत्सर।
वे भूल करते हैं,
माँ कभी नहीं करती।
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