पहले भाग से आगे ...
मौत आसान है, जीना और भी आसान
नेह के पल कठिन, सोचना और कठिन
कुछ कर जाना महाकठिन।
और दुनिया है कि लगता है
इससे पहले आसानियाँ थी ही नहीं।
सम्भोग के, जनने के
टाँग फैला जमीन पर बदबू करने के -
आह! इतने अवसर पहले कहाँ थे?
खीर के दोनों को आतुर मातायें
अब यज्ञ वेदी के पास फटकती नहीं -
नहीं होतीं दिव्य अवतारी संतानें।
न करो उम्मीद कि मैं फँसूगा 302 या 307 में -
प्रतिष्ठित महापंडित रावणों का वध?
हा, हा, हा
सिवाय खुद को मारने के,
किसी की ओर तना आक्रोश
आतंकवाद की एक और घटना होती है।
अट्टहास करता एक रावण चुप हो
मीठी जुबाँ कहता है -
अब सिर्फ मैं ही बचा एक ईमानदार
मुझे मारना मानवता पर महान संकट लायेगा -
ईमान विषय हो जायेगा
जेनेटिक इंजीनियरिंग का
और बलात्कारों का आखिरी विशेषज्ञ
स्वर्ग चला जायेगा - अप्सराओं के पास
जहाँ भोग और बलात्कार
स्वतंत्रता की उद्घोषणा की पहली धारायें हैं।
मानवता जार जार रोयेगी
जब कि चाम से चाम की रगड़ को सोच
हँस उठेंगी सारंगियाँ
और
इतिहासकार रचने लगेंगे
एक और भोंड़ा सा मिथक।
The moment when I come out of
super specialty hospital
Thinking how to control cholesterol
and how to control that burning desire
which burns loin areas of two bodies
Something flashes
'they did not talk about celibacy'
I feel ashamed about myself
I desire for fire
I desire to fire
While still stuck up between these two fires -
Economy takes twofold swings
It grows, it limps making millions neuter -
Whole world is suffering from erectile dysfunction
And population is growing, growing, growing on ...
ज़िबह होने को।
हथियार होता है पैवश्त
गले में
टाँगों के बीच नहीं।
आश्चर्य नहीं कि खाद्य संकट नहीं है
और प्रिंट, नेट, स्पैम सब, सब
वियाग्रा के प्रचार से अटे पड़े हैं।
They flood that street with blood
wherever hunger walks -
That is ultimate solution
Die!
please don't cry!!
... sob
(क्रमश:)
मौत आसान है, जीना और भी आसान
नेह के पल कठिन, सोचना और कठिन
कुछ कर जाना महाकठिन।
और दुनिया है कि लगता है
इससे पहले आसानियाँ थी ही नहीं।
सम्भोग के, जनने के
टाँग फैला जमीन पर बदबू करने के -
आह! इतने अवसर पहले कहाँ थे?
खीर के दोनों को आतुर मातायें
अब यज्ञ वेदी के पास फटकती नहीं -
नहीं होतीं दिव्य अवतारी संतानें।
न करो उम्मीद कि मैं फँसूगा 302 या 307 में -
प्रतिष्ठित महापंडित रावणों का वध?
हा, हा, हा
सिवाय खुद को मारने के,
किसी की ओर तना आक्रोश
आतंकवाद की एक और घटना होती है।
अट्टहास करता एक रावण चुप हो
मीठी जुबाँ कहता है -
अब सिर्फ मैं ही बचा एक ईमानदार
मुझे मारना मानवता पर महान संकट लायेगा -
ईमान विषय हो जायेगा
जेनेटिक इंजीनियरिंग का
और बलात्कारों का आखिरी विशेषज्ञ
स्वर्ग चला जायेगा - अप्सराओं के पास
जहाँ भोग और बलात्कार
स्वतंत्रता की उद्घोषणा की पहली धारायें हैं।
मानवता जार जार रोयेगी
जब कि चाम से चाम की रगड़ को सोच
हँस उठेंगी सारंगियाँ
और
इतिहासकार रचने लगेंगे
एक और भोंड़ा सा मिथक।
The moment when I come out of
super specialty hospital
Thinking how to control cholesterol
and how to control that burning desire
which burns loin areas of two bodies
Something flashes
'they did not talk about celibacy'
I feel ashamed about myself
I desire for fire
I desire to fire
While still stuck up between these two fires -
Economy takes twofold swings
It grows, it limps making millions neuter -
Whole world is suffering from erectile dysfunction
And population is growing, growing, growing on ...
ज़िबह होने को।
हथियार होता है पैवश्त
गले में
टाँगों के बीच नहीं।
आश्चर्य नहीं कि खाद्य संकट नहीं है
और प्रिंट, नेट, स्पैम सब, सब
वियाग्रा के प्रचार से अटे पड़े हैं।
They flood that street with blood
wherever hunger walks -
That is ultimate solution
Die!
please don't cry!!
... sob
(क्रमश:)
कुछ ऐसे ही विचार पड़े रहते हैं मन की कंदराओं में। पर सुन अठिलैहें लोग सब...
जवाब देंहटाएं'Never until the mankind making
जवाब देंहटाएंBird beast and flower
Fathering and all humbling darkness
Tells with silence the last light breaking
And the still hour
Is come of the sea tumbling in harness.....'
धूमिल जिवित हैं क्या..!
जवाब देंहटाएंSFF -साईंस फिक्शन पोएट्री (डिटेल्स के लिए सर्च करें )
जवाब देंहटाएंबड़ा करेर लिखल हौ आर ।
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