जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
वो कबन्ध तो बड़ा भयानक था !
बिना जेब का कबन्ध, कुछ भी न टिक पायेगा?
सिर नहीं उनकेकान, नाक, आँख, मुँहसब जेब में बन्दवे हैं आज के कबन्ध।बेहतर...
बड़ी दूर की कही .बहुत खूब.
बाप बड़ा ना भैया , सबसे बड़ा रुपैया .....बिन जेब का कबन्ध...क्रेडिट कार्ड-धारी होगा!
वो कबन्ध तो बड़ा भयानक था !
जवाब देंहटाएंबिना जेब का कबन्ध, कुछ भी न टिक पायेगा?
जवाब देंहटाएंसिर नहीं उनके
जवाब देंहटाएंकान, नाक, आँख, मुँह
सब जेब में बन्द
वे हैं आज के कबन्ध।
बेहतर...
बड़ी दूर की कही .बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबाप बड़ा ना भैया , सबसे बड़ा रुपैया .
जवाब देंहटाएं....बिन जेब का कबन्ध...क्रेडिट कार्ड-धारी होगा!