पाँखें थमी हैं
परी थकी है
सेज लगी है
पलकें भरी हैं
आँखें नमी हैं
सपन सजने आयेंगे?
सजन सपने आयेंगे?
सजन अपने आयेंगे?
सजन आयें, न आयें
आँखें मुदेंगी
निंदिया आयेगी
सपन आयेंगे
आँखें नमेंगी
पलकें भरेंगी
बस, बस!
पाँखें उड़ेंगी
न थकेंगी।
परी थकी है
सेज लगी है
पलकें भरी हैं
आँखें नमी हैं
सपन सजने आयेंगे?
सजन सपने आयेंगे?
सजन अपने आयेंगे?
सजन आयें, न आयें
आँखें मुदेंगी
निंदिया आयेगी
सपन आयेंगे
आँखें नमेंगी
पलकें भरेंगी
बस, बस!
पाँखें उड़ेंगी
न थकेंगी।
आदरणीय गिरिजेश राव जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
खूबसूरत रचना ...
जवाब देंहटाएंगल्प का गप्प से कोई नाता-रिश्ता है क्या?
जवाब देंहटाएं:)
सरल, सुन्दर, सहज।
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