बच्चे गये स्कूल
और घर में रह गये
मैं, तुम और
छ: घड़ियों की कच्च...कच्च...
घड़ियाँ तेज नहीं भागतीं
चाहे जितनी घड़ियाँ लगा लो।
समय की अपनी मर्यादा है।
इतने वर्षों में एक बदलाव हुआ है
चाभी वाली घड़ी डायनासोर हो गई
लिहाजा एक सेकेंड में
तीन बार की टिक टिक तेज रफ्तारी भी गई।
अब डिजिटल का जमाना -
एक बार में एक सेकेंड - कच्च!
नो टिक टिक भागमभाग।
पर
जिन्दगी भागमभाग
तेज रफ्तार हो गई तीन गुनी।
तो ऐसे कंफ्यूजन में
जब कि तनहाई है
और ऑफिस जाने में अभी टाइम है -
क्यों न कुछ कच्च कच्च चुरा कर रख लें?
इस खतरे को उठा कर भी
कि दाल जल जायेगी
या दूध फफा जायेगा ...
ये सजोई गई चोरियाँ
बहुत काम आयेंगी
तब जब बच्चे अपने अपने घर की
कचकच ..उफ! .. कच्च कच्च में बीजी होंगे
और डिजिटल घड़ियों में समय ठहर जायेगा।
बैटरी बदलने को भी किसी को बुलाना होगा
वह जब तक नहीं आयेगा
समय होगा हमारा ग़ुलाम।
उस ठहरे दौर में चोरी की पोटली खोलेंगे
तुम एक कच्च को लपक कर हँसना
और मैं दूसरे को सहलाते
आज की जली दाल याद करूँगा-
दो बच्चों की ठिठोली।
इस चोरी में एक स्वार्थ भी है -
जली कटी को बचाने का।
पोटली के खिलवाड़ में
जली कटी न कही जायेगी
और न सुनी जायेगी।
वह रह जायेगी
हमारी रूहों में
सुरक्षित।
और हम
इश्क़ के माइक्रोओवन में
पकी खिचड़ी खा कर जीते जायेंगे -
जलने का कोई डर नहीं।
मैं जानता हूँ
तुम हँसोगी और पूछोगी -
रूह की जली कटी का क्या करेंगे?
उत्तर यह है प्रिये!
कि
मरने के बाद
ईश्वर का करने को हिसाब
ये जली कटी काम आयेंगी।
वह लजायेगा
और
उन्हें ले कर रख लेगा अपने पास।
अगले जन्म में
यानि कि
सात जन्मों के अगले चक्र में
हमारी आत्मायें हल्की होंगी
और अधिक स्वस्थ होंगी।
अब यह न पूछ्ना
कि
अगर यह जन्म सातवाँ हुआ तो?
देखो! दाल जलने की गन्ध भी आने लगी
अब वैसे आँख झपकाना छोड़ो
जब शुरू के दिनों में मैं करता था
प्यार की बातें और तुम बस झप्प! झप्प!!
कुछ कच्च कच्च सहेज लें -
सच्च?
हाँ जी,
सच्च!
बिलकुल, सच्च सच्च .....
जवाब देंहटाएंउधेड दिए पुराने जख्म खच्च खच्च!!
जवाब देंहटाएंहां जी सच्च सच्च!!
यह कुछ आध्यात्मिक किस्म की इश्कबाजी लग रही है
जवाब देंहटाएंसुबह का पूर्ण अध्याय, बच्चों के स्कूल जाने के बाद का।
जवाब देंहटाएंइसलिये कहूं कि स्टेटस अपडेट में कच्च कच्च क्या है.....अब पता चला कि बच्चों को स्कूल भेजने के बाद महाशय नॉस्टॉल्जिक हो उठे थे :)
जवाब देंहटाएंफ़ुरसत कैसे है इतनी? बहुत सी कच्च-कच्च बचा कर रख ली हैं आपने इस कच-कच काव्य के लिये। :)
जवाब देंहटाएंये सजोई गई चोरियाँ
बहुत काम आयेंगी
तब जब बच्चे अपने अपने घर की
कचकच ..उफ! .. कच्च कच्च में बीजी होंगे
और डिजिटल घड़ियों में समय ठहर जायेगा।
बहुत काम आई ये चोरियाँ, सही है.....
बहुत बढिया. यह कच्च-कच्च ही असली सच है.
जवाब देंहटाएंमौत का खौफ है फिजाओं में .............
जवाब देंहटाएंये कैसी मोहब्बत , कहां के फसाने ये पीने पिलाने के सब हैं बहाने ..............
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया, वैसे यह जन्म कभी सातवाँ नहीं होता, साथ के बाद सात होते हैं।
जवाब देंहटाएंक्या खूब...
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