सर्च के 'फरमान' में जोड़ देना 'तुगलकी'
ईश्वर तब भी मिलेगा - कुछ अधिक ही।
वह योगी अब नहीं रहा जो गाया करता था
"मोको कहाँ ढूँढ़े रे बन्दे! मैं तो तेरे पास में"।
बहुत कष्ट होता है तुम्हें बैन करते हुये यार!
तुम अब ठीक से पढ़ते नहीं या मैं ठीक लिखता नहीं।
बहुत दिनों से पैक रखा है दीवान में बन्द गिटार
बच्चा अब बिना संगीत के ही झूम लेता है।
नर्म गर्मी मेरी पीठ पर अब सवार होती नहीं
हाथों पर अब जुल्फों के फेरे न अश्कों के घेरे।
रिपेयर में गया था कविताओं भरा लैप टॉप
कमबख्तों ने कीबोर्ड ही बदल दिया।
चुम्बन में अधर अब बहकते नहीं, न ढूँढ़ते हैं
दरकार जिसकी थी वह चाहत मिली भी नहीं
यह बात और है कि साँसें धौंकनी हो चली हैं
सलवटें नहीं रहीं सदानीरा, पठारी नदी हो गई हैं।
कहते हैं जवानी चाँदनी सी मद्धम होती जाती है
ठहराव आता है, जिन्दगानी उलझती जाती है
क्या करूँ, जब भी करता हूँ समझदारी की बात
कहीं से शुरू करूँ, वो तुम तक पहुँच जाती है।