गुरुवार, 8 नवंबर 2018

पटाखे फूटे हैं।

पटाखे फूटे हैं। 
वे हथौड़े टूटे हैं 
जिन के हत्थे चार
तथा मुग्दर पाँच बार
परिवर्तित किये, 
दस नम्बरियों ने
बीस सूत्रियों ने
मेधा पर सवार
चूतियों ने। 

जो समझते हैं कि
शेष है घनक
अशेष है हनक
बालकों की छुन्नियों से
उनके केतु टूटे हैं, 
पटाखे फूटे हैं। 

पटाखे फूटे हैं 
उनके गाँव 
जिसके ठाँव 
ठूठे हैं। 
पटाखे फूटे हैं।

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