वो जीने को काम तमाम कहना
मैं सुबह कहूँ तो शाम कहना
खुश होना और बहुते खराब कहना
थे सलामी को राजी वे पहली नज़र
मैंने देरी से जाना आदाब कहना!
मैं सुबह कहूँ तो शाम कहना
खुश होना और बहुते खराब कहना
थे सलामी को राजी वे पहली नज़र
मैंने देरी से जाना आदाब कहना!