एक कविता का ड्राफ्ट:
जीवन दाल,स्मृतियाँ नमक।
आत्मा भक्षक।
दाल कम कमतर, नमक बढ़ बढ़कर।
एक दिन बस नमक ही नमक।
जीवन खत्म।
आत्मा फुर्र।
नमक की अधिकता - जीवन के लिये घातक।
आत्मा अमर है।
जीवन दाल,स्मृतियाँ नमक।
आत्मा भक्षक।
दाल कम कमतर, नमक बढ़ बढ़कर।
एक दिन बस नमक ही नमक।
जीवन खत्म।
आत्मा फुर्र।
नमक की अधिकता - जीवन के लिये घातक।
आत्मा अमर है।