जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
अर्थ तो हमने नक़ल करके टीपा इसलिए नहीं लिखेंगे मगर है अनुप्रास अलंकार और वह भी इतना खूबसूरत और अद्वितीय कि किसी असंस्कृत (या अल्प-संस्कृत) भाषा में कहा भी नहीं जा सकता है.
yah gintee kee rataayee lgtee hai
जवाब देंहटाएंअर्थ तो हमने नक़ल करके टीपा इसलिए नहीं लिखेंगे मगर है अनुप्रास अलंकार और वह भी इतना खूबसूरत और अद्वितीय कि किसी असंस्कृत (या अल्प-संस्कृत) भाषा में कहा भी नहीं जा सकता है.
जवाब देंहटाएंपता नहीं । इतना कठिन ! नहीं, इतनी कठिन ।
जवाब देंहटाएंअब अर्थ बता ही दीजिये भाई.
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