जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
इन संस्कृत पंक्तियों का अर्थ बताइए।
सुविधा के लिए संधियों को तोड़ दिया गया है:
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दददो दुद्दा-दुद्-ददि
दददो दुद-दी-आद-दो:
दु-ददम् दददे दुद्दे
दद्- अदद-ददो’द-द:॥
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