रविवार, 23 फ़रवरी 2014

फूट पड़ो



अपनी बातों से
कुरेदता हूँ
कि तुम उठो!
नहीं,
फूट पड़ो
भँड़सार की जलती रेत से
उछलते मकई के दाने की तरह!
मुझे तुम्हें शुभ्र तप्त होते देखना है
जैसे कि पीताभ
मार्तण्ड होता है।

5 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अमीर गरीब... ब्लॉग-बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. उत्तर
    1. man me bhadke, shabd bahen tab. aankh chadhake, dant pistete, mutthi bandhti, bhuja fadakti, baat anargal kahte jab, asli parichay hota hai tab.

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