जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
शनिवार, 23 नवंबर 2013
हुई लाल!
शब्दचिह्न :
प्रेम,
प्रेम कविता,
प्रेमकविता
रविवार, 10 नवंबर 2013
आवश्यक है रचना
आवश्यक है रचना एक शृंगार कविता
तुम्हारी कमर सीधी करती भंगिमा पर
जैसे आवश्यक है तुम्हारा मुस्कुराना
ऐनक काँच जमी मेरी अंगुलियों पर
ये दवा हैं उस रोग की जिसे आयु कहते हैं
आयु देह की नहीं, आयु मन की नहीं
आयु प्रेम की जिसकी हर साँस पहरे हैं -
वाद के, कृत्रिम उपचार के, कथित यथार्थ के
आवश्यक है झूठ होना, दुखना, दुखाना
इस युग तो सही सुख की बातें सभी करते हैं!
शब्दचिह्न :
प्रेम,
प्रेम कविता,
प्रेमकविता
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