जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।
उसको जो वजूद का हिस्सा बन चुका हो ,वो जो खुद में समा गया है उसे स्वयं से अलग करना ही मर जाना है. प्रेम में प्रेमी आत्मा से ही नहीं पूरे वजूद से एकाकार हो जाते हैं .
hun.......
जवाब देंहटाएंयानि ‘प्रेम’ और ‘मृत्यु’ में गहरा रिश्ता है...?!
जवाब देंहटाएंदोनों में अपना अस्तित्व मिटाना पड़ जाता है।
जवाब देंहटाएंचंद पंक्तियाँ में जैसे एक कहानी कह दी है.
जवाब देंहटाएंउसको जो वजूद का हिस्सा बन चुका हो ,वो जो खुद में समा गया है
उसे स्वयं से अलग करना ही मर जाना है.
प्रेम में प्रेमी आत्मा से ही नहीं पूरे वजूद से एकाकार हो जाते हैं .