बियाह की आधी सदी पश्चात
पूस की थी रात
न पूत न पतोहू न नात।
पूस की थी रात
न पूत न पतोहू न नात।
जोड़ की पीर वात
तेल के साथ
मला काँपते हाथ
बूढ़े की सौगात
बुढ़िया ने जाना अहिवात।
तेल के साथ
मला काँपते हाथ
बूढ़े की सौगात
बुढ़िया ने जाना अहिवात।
बस इतनी सी बात
दिया आशीर्वाद
हो सात जन्मों का साथ।
दिया आशीर्वाद
हो सात जन्मों का साथ।
समवेत हास
दो अकेले स्वर्ग-वास।
दो अकेले स्वर्ग-वास।
विरल प्रेम...बूढ़ा किन्तु अमर...
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