गुरुवार, 22 अगस्त 2013

मृत्यु का जन्म

...और तब उसने स्वयं को काट कर आधा किया
उसे अलग किया जिसे वह प्रेम कर सके
उस दिन मृत्यु का जन्म हुआ।

बस एक किरकिरी

सब ठीक है देश में
सिवा एक किरकिरी के
जिसने हर पलक
हर झपक
को अवांछित कर रखा है
आँखें हैं कि हर पल खुली नहीं रह सकतीं
दृश्य में, देखने में, दिखाने में आनन्द नहीं
बन्द रहें तो भी कैसे
बस एक किरकिरी ने
हर पलक को दुखी कर रखा है! 

शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

मंगलदीप जले जब घर में
मुझे हवा का झोंका समझना
तुम दीप बचाना
सहेजूँगा मैं हाथों की तपिश
और कपोलों पर बह जायेगा
मलयानिल। 

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

बाथरूम के तौलिये

बाथरूम के तौलिये -
सफेदी एक
ग़ुणवत्ता एक।
एक करता है अंतरंग आलिंगन
दूसरा पाँवों तले कुचला जाता।
- अपना अपना भाग्य -

अगले दिन
स्थिति उलट
- समय का फेर -