ये जो रोना धोना है
यूँ ही पानी खोना है।
देवों को परसादी दे
हाथ बचाया दोना है।
मीठी मुस्की माशूका
माँ तो बस लोना है।
कभी ऐसा कभी वैसा
इंसाँ जादू टोना है।
चन्दा चाँदी रात भर
दिन तो बस सोना है।
फूले थे जो सूख गये
पतझड़ काँटे बोना है।
माँ तो बस लोना है।
कभी ऐसा कभी वैसा
इंसाँ जादू टोना है।
चन्दा चाँदी रात भर
दिन तो बस सोना है।
फूले थे जो सूख गये
पतझड़ काँटे बोना है।
देवों को परसादी दे
जवाब देंहटाएंहाथ बचाया दोना है।
वाह, सर जी!
कितनी सरल मगर सुन्दर रचना है!
जवाब देंहटाएंदो पंक्तियाँ मेरी तरफ से..
क्यूँ बुनते हम स्वप्न नए
होता है वही जो होना है .
........
अच्छा !
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