शुक्रवार, 2 मार्च 2012

भाग गई


सुबह उठा तो आँखें लाल थीं,  
रात चूमा था तुमने, 
सपने की पलकों को!

अलसाई सी उठी, 
पकड़ी गई सोते साथ में, 
 नींद लजाई और भाग गई। 

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