पर्व आया, चला गया
बच्चे आये, चले गये
हरसिंगार रह गया बाकी।
दुआर पर दो वृद्ध अकेले,
फिर से गिनने लगे हैं -
टूटती साँसें, पूजा के फूल।
जो दूसरों की हैं, कवितायें हैं। जो मेरी हैं, -वितायें हैं, '-' रिक्ति में 'स' लगे, 'क' लगे, कुछ और लगे या रिक्त ही रहे; चिन्ता नहीं। ... प्रवाह को शब्द भर दे देता हूँ।