गर्व वह पानी है,
जो बहल जानी है।
वदन जो रूखा है,
लो, ये रुखानी है।
सजी राजनय युवा,
देश जरा आनी है।
खेत बँटा मेंड़ जो,
आँगन कहानी है।
बोतल के बन्ध अब,
सागर है पानी है।
लटक रही तार पर,
सबकी जवानी है।
जो बहल जानी है।
वदन जो रूखा है,
लो, ये रुखानी है।
सजी राजनय युवा,
देश जरा आनी है।
खेत बँटा मेंड़ जो,
आँगन कहानी है।
बोतल के बन्ध अब,
सागर है पानी है।
लटक रही तार पर,
सबकी जवानी है।