शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

कृष्ण वेणु


मनु के जने मुझे सुनते हैं,

और मैं तुम सब को।
बोलो, क्या बजाऊँ?
कालिन्दी की कल कल
या
गइया के दूध की,
गगरी में झर झर?
क्या सुनना है?
कहो, कहो!
कहो न!!

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