देह की।
अकथ कहानी
नेह की॥
अकथ कहानी
नेह की॥
तप्त श्वास
भुजवलय
तुम
शनैश्चर
हम
मन्द लय
शीत हास।
भुजवलय
तुम
शनैश्चर
हम
मन्द लय
शीत हास।
जीवन एक
लग गई ढइया!
ज्योतिष रीत गया।
सीवन एक
रह गई अंगिया
गोचर बीत गया॥
लग गई ढइया!
ज्योतिष रीत गया।
सीवन एक
रह गई अंगिया
गोचर बीत गया॥
देह की।
अकथ कहानी
नेह की॥
अकथ कहानी
नेह की॥