tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post5383435091680879966..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: सापेक्ष दौरगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-82271623175405624712010-04-01T06:28:56.820+05:302010-04-01T06:28:56.820+05:30-बिल्कुल सही कहा!! उम्दा रचना!-बिल्कुल सही कहा!! उम्दा रचना!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-10872921522683653792010-03-23T20:29:53.233+05:302010-03-23T20:29:53.233+05:30सोचा था सारी पुरानी कविताएं पढ़ जाउंगा आज आपकी ! पर...सोचा था सारी पुरानी कविताएं पढ़ जाउंगा आज आपकी ! पर अब इसके बाद नहीं ! <br />कभी सोचते नहीं आप कि टिप्पणी क्यों नहीं कर रहा मैं... कभी टोंका करें श्रद्धेय !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-84288218482773198862010-03-17T23:19:43.158+05:302010-03-17T23:19:43.158+05:30यह चुप्पी ही सभी कुकर्मों की जननी है...।
आइए, चुप ...यह चुप्पी ही सभी कुकर्मों की जननी है...।<br />आइए, चुप रह कर हम भी इस कुकर्म में सहभागी बनें।<br /><br />देखिए थूकने की कोशिश भी मत करिएगा।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-76367673174412023892010-03-17T11:42:04.885+05:302010-03-17T11:42:04.885+05:30अब जब आप जबरदस्ती चुप कराने पर तुल ही गए हैं त...अब जब आप जबरदस्ती चुप कराने पर तुल ही गए हैं तो लो चुप ही हो जाते हैं वैसे भी हम पहले ही कहाँ बोलते थे -अब आप अपने हैं तो आगाह करना धर्म समझा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-55098646710773273942010-03-17T10:27:52.377+05:302010-03-17T10:27:52.377+05:30तुम्हें दुनिया में हो रहे
हर कुकर्म , हर अत्याचार,...तुम्हें दुनिया में हो रहे<br />हर कुकर्म , हर अत्याचार, हर घपले<br />से गुजरना होगा<br />उन पर लिखना होगा - <br />इसके बाद ही तुम लिख सकते हो मेरे स्याह कर्म <br />कराह सकते हो<br />मेरे कुकर्मों की तपिश से झुलसते हुए -<br />बेहतर है चुप रहो जैसे पहले रहे थे <br />तुम्हारा मौन तुम्हारा कवच है<br />गारंटी है<br />कि<br />तुम निरपेक्ष हो इस सापेक्ष दौर में - <br />बोलने पर तुम्हें सफाई देनी होगी :<br /><br />काश की इन सेकुलरों और ब्लॉगजगत पर मौजूद इन पैगम्बर के दूतो के पल्ले भी कुछ पड़ता इन पंक्तियों में से !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-88508092151323939062010-03-17T09:50:42.809+05:302010-03-17T09:50:42.809+05:30चुप्प! चुप्पी युग धर्म है?चुप्प! चुप्पी युग धर्म है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-40503804344325804742010-03-17T09:44:32.708+05:302010-03-17T09:44:32.708+05:30एक सापेक्षिक बेहद जरूरी सा कन्फेशन...!एक सापेक्षिक बेहद जरूरी सा कन्फेशन...!Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-48613443089327024532010-03-17T09:02:38.957+05:302010-03-17T09:02:38.957+05:30बेहतर है चुप रहो जैसे पहले रहे थे
तुम्हारा मौन तु...बेहतर है चुप रहो जैसे पहले रहे थे<br />तुम्हारा मौन तुम्हारा कवच है<br />गारंटी है<br />कि<br />तुम निरपेक्ष हो इस सापेक्ष दौर में -<br />बोलने पर तुम्हें सफाई देनी होगी :<br /><br />-बिल्कुल सही कहा!! उम्दा रचना!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com