tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post4779178406480774003..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: धूत कहौ, अवधूत कहौ..क्या मैं किसी के दरवाजे पर पड़ा हूँ?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-13640369021528117652019-05-20T12:18:28.578+05:302019-05-20T12:18:28.578+05:30I'm also a blogger..
आपने जो तुलसी दास जी कि ...I'm also a blogger.. <br />आपने जो तुलसी दास जी कि रचनाओं को साजा किया है वो वर्तमान में काफी उपयोगी हैं... आपको धन्यवाद....Kumar Hitendrahttps://www.blogger.com/profile/11729975517168858828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-7786812184563932382019-01-07T21:18:39.050+05:302019-01-07T21:18:39.050+05:30बाबा तुलसीदास तो मानवता के संवाहक हैं,न भूतो न भवि...बाबा तुलसीदास तो मानवता के संवाहक हैं,न भूतो न भविष्यतिAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16334702975752688771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-60643365515723026352018-09-24T14:49:40.217+05:302018-09-24T14:49:40.217+05:30धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूत कहौ, जोलहा कहौ कोऊ ।
काह...धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूत कहौ, जोलहा कहौ कोऊ ।<br />काहूकी बेटीसो बेटा न ब्याहब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ॥<br />तुलसी सरनाम गुलामु है रामको, जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।<br />माँगि कै खैबौ, मसीतको सोइबो, लैबोको एकु न दैबेको दोऊAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14130372529744723480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-74334602385982790742010-04-24T07:53:26.418+05:302010-04-24T07:53:26.418+05:30अति ही अयाने उपखानो नहि बूझैं लोग,
'साह ही को ...<b>अति ही अयाने उपखानो नहि बूझैं लोग,<br />'साह ही को गोतु गोतु होत है गुलामको।<br />साधु कै असाधु, कै भलो कै पोच, सोचु कहा,<br />का काहूके द्वार परौं, जो हौं सो हौं रामको॥</b><br />बहुत सुन्दर! भक्तों की बात ही अनूठी है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-76865931372094962010-04-06T20:16:19.221+05:302010-04-06T20:16:19.221+05:30यह जानकारी मुझे चमत्कृत कर गयी। वाह!!यह जानकारी मुझे चमत्कृत कर गयी। वाह!!सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-85904108463117378952010-04-06T19:13:47.534+05:302010-04-06T19:13:47.534+05:30अपने को इस स्थिति में भी जी लेने की क्षमता दिखाने ...अपने को इस स्थिति में भी जी लेने की क्षमता दिखाने वाले पर राम की पूरी कृपा होगी ही ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-7452000921573389992010-04-06T12:04:40.449+05:302010-04-06T12:04:40.449+05:30यह संयोग है तो फिर क्यूं है की इन दिनों मैं भी कवि...यह संयोग है तो फिर क्यूं है की इन दिनों मैं भी कवितावली पढ़ रहा हूँ -कोचीन एअरपोर्ट पर समय काटने के लिए मैंने कवितावाली शुरू की (ट्विटर पर यह उद्घोष भी है २७ मार्च को ) -आज भी उसी के रस में डूब उतरा रहा हूँ -तुलसी का सृजन दुःख दारिद्र्य की अकथ पीड़ा से राहत पाने की आशा में राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का दस्तावेज है .<br />कभी कभी इनका आक्रोश भी जब फूटता है तो उक्त उद्धृत पंक्तियों को जन्म देता है .<br />मैं अभी पूरा कर लूं यह अप्रतिम रचना -जो तुलसी की आत्मकथा सी भी है तब शायद मैं भी अपने कुछ उदगार लिख सकूं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-78647418131006940812010-04-06T10:46:28.454+05:302010-04-06T10:46:28.454+05:30मस्जिद में फकीरों के साथ रहने,ब्रह्महत्यारे को भोज...मस्जिद में फकीरों के साथ रहने,ब्रह्महत्यारे को भोजन कराने, बिना छुआछूत की परवाह किए...आदि आदि ...तुलसी के इन गुणों से परिचय बहुत कम है हम जैसी जनता का ...<br />इस अनूठे परिचय के लिए आभार ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-17981557712872533412010-04-06T08:31:29.425+05:302010-04-06T08:31:29.425+05:30बहुत सुन्दर रचना । आभारबहुत सुन्दर रचना । आभारसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com