tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post2286983196456011334..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: देह गन्ध ... सिद्धि हुई जीवन की।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-58318599145325733302010-01-22T09:33:26.280+05:302010-01-22T09:33:26.280+05:30भैया, यहाँ तो आपने ग़जब का भाव रच दिया है, भाव क्य...भैया, यहाँ तो आपने ग़जब का भाव रच दिया है, भाव क्या पूरी पिक्चर बना डाली है। खजुराहों वाली टिप्पणी सब कुछ कह देती है। :)<br /><br />इसे कहते हैं बिन्दास कविता। <br /><br />खालिस ‘ब्लॉगरी’ नामक विषय पर कुछ भी धकेलने वाले यहाँ से कुछ सीखें तो अच्छा हो।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-75263565353143621422010-01-22T05:37:05.897+05:302010-01-22T05:37:05.897+05:30आपके ब्लाग पर पहली बार आई हूँ। अच्छी कवितायें ब्ला...आपके ब्लाग पर पहली बार आई हूँ। अच्छी कवितायें ब्लागजगत में कम पढने को मिलती हैं। आप बहुत अच्छा लिखते हैं।Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-89999946220265481272010-01-21T22:55:35.059+05:302010-01-21T22:55:35.059+05:30.
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वाह,
सहज विषय पर दुरूह रचना,
आभार!
कई दिनों....<br />.<br />.<br />वाह,<br />सहज विषय पर दुरूह रचना,<br />आभार!<br /><br />कई दिनों से मज़ा नहीं आ रहा...पता नहीं क्यूं...रवि कुमार, रावतभाटाhttp://ravikumarswarnkar.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-5244033465689235912010-01-21T19:23:49.433+05:302010-01-21T19:23:49.433+05:30आपने गीत को अपना स्नेह दिया आभारी हूँ. इस बहाने आप...आपने गीत को अपना स्नेह दिया आभारी हूँ. इस बहाने आपके रचना संसार से परिचित होने का सौभाग्य मिला. आपको पढकर पन्त जी याद हो आये.<br />स्मरण दिवस प्रिये <br />निमंत्रण देह गन्ध <br />पहली बेला महकी। <br /><br />वलय वृत्त गणित <br />सौन्दर्य सृष्टि अपार <br />केवल सन्तति हेतु ?<br />ऐसी भाषा और छंद का अदभुत निर्वाह वाह!संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-42659431187947764912010-01-21T14:16:17.256+05:302010-01-21T14:16:17.256+05:30टूटे बन्ध देह मुक्त
तड़प उठी बिजली
लयकारी सिसकी ...टूटे बन्ध देह मुक्त <br />तड़प उठी बिजली <br />लयकारी सिसकी की ...<br /><br />टूटना देह के बन्धनों का ..... जीवन की लय में ... बहुत ही सुंदर रचना ..... बसंत के आगमन में ............ आपको बसंत पंचमी की बहुत बहुत शुभकमनाएँ .......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-20919196606021783492010-01-20T23:59:20.468+05:302010-01-20T23:59:20.468+05:30सुन्दर !
आप पर ,
अनंग / रति प्रिय की
इस बसंत प...सुन्दर ! <br />आप पर ,<br /> अनंग / रति प्रिय की<br /> इस बसंत पर्व पर<br /> माँ सरस्वती की कृपा रहे ,<br />स स्नेह्म<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-85144996567924744882010-01-20T20:33:48.011+05:302010-01-20T20:33:48.011+05:30कविता वाकई बहुत अच्छी है बड़े बड़ों की अनुशंसायें ...कविता वाकई बहुत अच्छी है बड़े बड़ों की अनुशंसायें आ गईं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-17674552666630370022010-01-20T20:24:22.685+05:302010-01-20T20:24:22.685+05:30गायत्री छंद में आपकी कृति....आपकी कविता....प्रेमोन...गायत्री छंद में आपकी कृति....आपकी कविता....प्रेमोन्मुक्त भाव हो, समर्पण हो या आसक्ति या फिर काव्य लेखन की विधा, एक सम्पूर्ण कविता लगी है...सच कहें तो बहुत अच्छी बनी है....!स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-72810687636678491392010-01-20T11:29:25.456+05:302010-01-20T11:29:25.456+05:30अरे! ओ बसंती पवन पागल..असर कर गई क्या?अरे! ओ बसंती पवन पागल..असर कर गई क्या?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-6150813252883790822010-01-20T07:10:51.791+05:302010-01-20T07:10:51.791+05:30वसंत पंचमी के दिन पढ़ने को सम्हार रखे थे इसे रीडर म...वसंत पंचमी के दिन पढ़ने को सम्हार रखे थे इसे रीडर में ! <br />समझ रहे हैं न भईया आज का महात्म्य ! <br />याद आ गया वसंत का गणित समझाने वाला वरद-पुत्र !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-33410763704759066032010-01-19T23:47:00.508+05:302010-01-19T23:47:00.508+05:30हुड़दंगी में कभी कभी कमाल करते हो।
बन गए फॉलोवर।
श...हुड़दंगी में कभी कभी कमाल करते हो।<br />बन गए फॉलोवर।<br />शापित हो, 'पूरन' के बाद भी टिप्पणी नहीं मिलेगी। <br />संतति को संतान कर दो तो बात और डाइरेक्ट हो जाय।बेनामीhttps://www.blogger.com/profile/10555797016317745618noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-59829012277919180312010-01-19T23:46:15.057+05:302010-01-19T23:46:15.057+05:30ऐसा!!!ऐसा!!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-71108591608105925572010-01-19T20:07:34.129+05:302010-01-19T20:07:34.129+05:30.
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वाह,
दुरूह विषय पर सहज रचना,
आभार!.<br />.<br />.<br />वाह,<br />दुरूह विषय पर सहज रचना,<br />आभार!प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-6401687221495024692010-01-19T15:01:12.019+05:302010-01-19T15:01:12.019+05:30मांसलता बगैर मांसल हुए ...
'कांफिडेंस' को...मांसलता बगैर मांसल हुए ... <br />'कांफिडेंस' को सलाम ...Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-42176035050549401882010-01-19T08:59:16.091+05:302010-01-19T08:59:16.091+05:30वलय वृत्त गणित
सौन्दर्य सृष्टि अपार
केवल सन्तति हे...वलय वृत्त गणित<br />सौन्दर्य सृष्टि अपार<br />केवल सन्तति हेतु ? ..<br />पूरी रचना का अलग सौंदर्य है ,इन लाइनों का कुछ खास ही .<br />बेहतरीन प्रस्तुति.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-11096926297299205872010-01-19T07:27:48.243+05:302010-01-19T07:27:48.243+05:30सुबह सुबह ही विद्युत् स्पर्श करा ही दिया न भाई ......सुबह सुबह ही विद्युत् स्पर्श करा ही दिया न भाई ....शब्द शब्द स्फुलिंग ...<br />.क्या कहूं -बड़े होने की गरिमा का भी तो खयाल रखना है ....<br />अब आपके टिप्पणीकार निश्चित ही घटेगें -सांत्वना यह कि पाठक बढ़ेगें !<br />क्या चाहिए वत्स तुम्हे ,पाठक या महज टिप्पणीकार ? अब तुम हो अपनी नियति के निर्णायक !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-57334148190901023042010-01-19T00:21:14.290+05:302010-01-19T00:21:14.290+05:30वलय-वृत्त बिन स्पर्श-रेखा के भी कमाल है यहाँ तो !वलय-वृत्त बिन स्पर्श-रेखा के भी कमाल है यहाँ तो !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-79023198925597592132010-01-18T23:53:19.545+05:302010-01-18T23:53:19.545+05:30वाह! इस विषय पर कविता! लगता है खजुराहो पहुँच गया ह...वाह! इस विषय पर कविता! लगता है खजुराहो पहुँच गया हूँ।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com