tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post1572273721013884071..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: दफन कर देगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-55478367806875014102011-07-01T09:39:00.576+05:302011-07-01T09:39:00.576+05:30नहीं - किताब में तो और भी बहुत कुछ लिखा गया है - ल...नहीं - किताब में तो और भी बहुत कुछ लिखा गया है - लेकिन जब सिखाने वाला गुरु एक चीज़ को " IMP " ... का लेबल दे देता है - तो फिर उसके अनुयायी उसके परे देखने की कोशिश ही छोड़ देते हैं | जिस "जेहाद " की बातें बार बार होती हैं - जो "मार दो " का जिक्र बार बार आता है - वह उसी सन्दर्भ में कहा गया है - जिस सन्दर्भ में श्री कृष्ण अर्जुन से लड़ने को कहते हैं - यानी कि - रक्तपात रोकने के लिए हर संभव रास्ते के बंद हो जाने के बाद |<br /> प्रॉब्लम यह है - कि ग्रन्थ पढ़ा नहीं जाता - और धर्मं के ठेकेदार अपनी इंटरप्रेटेशन को प्रचारित कर , इतना सर्वमान्य बना देते हैं - कि लोग उसे ही सही मानने लगते हैं - एक उदहारण है - राम स्त्री को नहीं समझते थे , कृष्ण स्त्री लोलुप और भोगी थे - आदि आदि ...<br />और ताउम्र अजीयत की बात उसी तरह कही गयी है जैसे माँ अपने बच्चे को गलत काम से दूर रखने के लिए डराती है - यह किया तो हमेशा के लिए खेलना बंद तेरा ...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-10206760451281961502011-07-01T09:01:47.868+05:302011-07-01T09:01:47.868+05:30इत्ती छोटी सी कविता ?
चलिए मुला सन्देश ब़डा है .....इत्ती छोटी सी कविता ? <br />चलिए मुला सन्देश ब़डा है ...<br />औरत के गूदे से भला कौन बचा है <br />मुल्ला या पंडिज्जी सभी को तो जंचा है <br />हाँ पंडिज्जी को चुपचाप हजम है <br />मगर मुल्ले को जेहाद का नशा है ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-83027735325841890042011-06-23T11:08:35.137+05:302011-06-23T11:08:35.137+05:30dhanyawad.dhanyawad.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/00193683374558166409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-44168023112442902072011-06-22T22:07:04.508+05:302011-06-22T22:07:04.508+05:30@ unknown ज़ेहाद के लिये मुल्ला जब मुसलमानों को बर...@ unknown ज़ेहाद के लिये मुल्ला जब मुसलमानों को बरगलाता है तो सत्तर जोड़े कपड़ों के भीतर से भी हूर के झाँकते गूदे की बात करता है - मतलब कि उसके लिये स्त्री सिर्फ वासना के प्रलोभन को जगाती गूदा है। <br /><br />दीगर - अन्य, दूसरा <br /><br />अजीयत - यंत्रणागिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-36904980582583459292011-06-22T19:07:51.777+05:302011-06-22T19:07:51.777+05:30काश दफ़न हो पाता यह कहर...।काश दफ़न हो पाता यह कहर...।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-18518000666257498752011-06-22T12:01:11.887+05:302011-06-22T12:01:11.887+05:30kuchh shabdon ke mayne nahi samajh aye, madad kiji...kuchh shabdon ke mayne nahi samajh aye, madad kijiye...<br /><br />gude<br />digar<br />ajeeyat..<br /><br />waise matlab samajh aya :-)<br />ek achha sandesh.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/00193683374558166409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-28182765259675374892011-06-22T09:49:58.263+05:302011-06-22T09:49:58.263+05:30न जाने कितने कुअध्याय दफन करने हैं।न जाने कितने कुअध्याय दफन करने हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com