tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post955894064971378193..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: कविता नहीं - प्रलय प्रतीतिगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-37464269076284255212010-05-24T10:55:00.857+05:302010-05-24T10:55:00.857+05:30यही जीवन का यथार्थ है ... इन्सान दो भागों में बंटा...यही जीवन का यथार्थ है ... इन्सान दो भागों में बंटा होता है, एक एहसासों की दुनिया और एक यथार्थ की ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-27261568315282094492010-05-23T06:05:39.540+05:302010-05-23T06:05:39.540+05:30'परकायाप्रवेशी' की यह कविता बोल्ड एण्ड ब्य...'परकायाप्रवेशी' की यह कविता बोल्ड एण्ड ब्यूटीफुल है.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-20083415632559202772010-05-22T19:20:42.171+05:302010-05-22T19:20:42.171+05:30@ हिमांशु जी
हाँ, मुहावरा ही है लेकिन यहाँ उसे अ...@ हिमांशु जी <br /> हाँ, मुहावरा ही है लेकिन यहाँ उसे अभिधा में प्रयोग किया । हमारी आदत इसे मुहावरे की तरह सुनने समझने की है। प्रचलित से अलग अभिधात्मक प्रयोग एक अलग प्रभाव की सृष्टि करता है जिसके लिए काव्य आलोचना में एक तकनीकी टर्म भी है। मुझे भूल गया है। आप को याद हो तो बताइए।<br />आज कल आप ने रचना लिखना बन्द सा कर दिया है। मैं मुँह फुलाए हुए हूँ (मुहावरे की तरह समझें :))गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-36014566136816945102010-05-22T19:15:08.312+05:302010-05-22T19:15:08.312+05:30सिद्धार्थ जी की बात से सहमत -
' बोल्ड एण्ड ब्...सिद्धार्थ जी की बात से सहमत - <br />' बोल्ड एण्ड ब्यूटीफुल '<br />..........<br />कविता का क्या आकार है ! जैसे प्रगल्भा के ऊपर मुग्धा <br />नायिका बैठा दी गयी हो ! :)Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-60290556555411820022010-05-22T18:25:21.384+05:302010-05-22T18:25:21.384+05:30मुँह में मुँह जोड़े..मुहावरा है न!
और अर्थ इसका ?मुँह में मुँह जोड़े..मुहावरा है न! <br />और अर्थ इसका ?Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-2275348425546662822010-05-22T17:30:48.593+05:302010-05-22T17:30:48.593+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Kumar Jaljalahttps://www.blogger.com/profile/17272554213360157887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-89768162369196739912010-05-22T12:24:33.879+05:302010-05-22T12:24:33.879+05:30वक्त के साथ हर चीज बदलती है कोहराम बंद होने लगा है...वक्त के साथ हर चीज बदलती है कोहराम बंद होने लगा है हो सकता है आने वाले समय में देखकर लोग तालियाँ बजाएं - सुंदर रचना के लिए बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-80719738845243249992010-05-22T11:49:28.923+05:302010-05-22T11:49:28.923+05:30प्रलय गीत या प्रणय गीत ।
यहाँ तो प्रणय में प्रलय ह...प्रलय गीत या प्रणय गीत ।<br />यहाँ तो प्रणय में प्रलय है और प्रलय की प्रतीक्षा में प्रणय ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-69095818089212847272010-05-22T11:26:12.737+05:302010-05-22T11:26:12.737+05:30वाह..वाह..Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-62119787188709566902010-05-22T09:15:23.752+05:302010-05-22T09:15:23.752+05:30सच में...
बोल्ड एण्ड ब्यूटीफुल...सच में...<br />बोल्ड एण्ड ब्यूटीफुल...सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-74480152949324623062010-05-22T08:35:01.135+05:302010-05-22T08:35:01.135+05:30@
तो आज हम अगल बगल खड़े
कर रहे होते विमर्श
तुम्हार...@<br />तो आज हम अगल बगल खड़े<br />कर रहे होते विमर्श<br />तुम्हारी कमर के दर्द पर<br />मेरे घुटनों की सूजन पर ...<br /><br />मतलब ....बच गए ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-25296240642925730902010-05-22T08:25:16.674+05:302010-05-22T08:25:16.674+05:30@ मास्साब
हमको फर्स्ट डिविजन (60%, वह भी हिन्दी म...@ मास्साब <br />हमको फर्स्ट डिविजन (60%, वह भी हिन्दी में) पास करने के लिए प्रणाम स्वीकार करें ।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-18761947772671089242010-05-22T08:09:13.687+05:302010-05-22T08:09:13.687+05:30.
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"न होता उस दिन
अपराध बोध
तो आज हम अगल ब....<br />.<br />.<br />"न होता उस दिन<br /><b>अपराध बोध</b><br />तो आज हम अगल बगल खड़े<br />कर रहे होते विमर्श<br />तुम्हारी कमर के दर्द पर<br />मेरे घुटनों की सूजन पर ।<br />कहीं तुम भी किसी जगह<br />सोचती होगी यही"<br /><br />इस 'अपराध बोध' को 'साहस की कमी' या 'जमाने का लिहाज' भी कहते हैं कुछ 'अकवि'...:)<br /><br />अच्छी कविता... ६/१०<br />आभार!प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-60881802625592598522010-05-22T07:43:15.230+05:302010-05-22T07:43:15.230+05:30@ अरविन्द जी
कवि को 'परकायाप्रवेशी' भी कहा...@ अरविन्द जी<br />कवि को 'परकायाप्रवेशी' भी कहा जाता है आर्य!गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-40451385786965306332010-05-22T06:23:16.485+05:302010-05-22T06:23:16.485+05:30प्रणय गीत !परिनयोपरांत का या पहले का ...निसंदेह पह...प्रणय गीत !परिनयोपरांत का या पहले का ...निसंदेह पहले का ...पकडे गए बच्चू !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-35977384629394401482010-05-22T06:21:14.463+05:302010-05-22T06:21:14.463+05:30मैंने सारी उमर
प्रलय गीत गाया है
कैसे थे सुर उस दि...मैंने सारी उमर<br />प्रलय गीत गाया है<br />कैसे थे सुर उस दिन ! <br />जब प्रलय प्रतीति हुई थी? <br />बहुत खूबसूरत रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-37590571960662760642010-05-22T04:20:36.638+05:302010-05-22T04:20:36.638+05:30मैंने सारी उमर
प्रलय गीत गाया है
कैसे थे सुर उस दि...मैंने सारी उमर<br />प्रलय गीत गाया है<br />कैसे थे सुर उस दिन ! <br />जब प्रलय प्रतीति हुई थी?<br /><br /><br />-सुर तो उत्तम ही रहे होंगे..बढ़िया रचना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-1482630577134839272010-05-22T01:29:39.462+05:302010-05-22T01:29:39.462+05:30प्रलय और पुनर्सृष्टि जगत के अटल नियम हैं।प्रलय और पुनर्सृष्टि जगत के अटल नियम हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-10439075831983338432010-05-21T23:59:57.721+05:302010-05-21T23:59:57.721+05:30bahut khoob shringaar se shuruaat ki aur fir sachc...bahut khoob shringaar se shuruaat ki aur fir sachchai me kho gaye...sahi kaha aap to Nirala ji ban rahe hain...wo bhi itni jaldi...:Dदिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-6204151484220255312010-05-21T23:55:07.417+05:302010-05-21T23:55:07.417+05:30@ इतने वर्षों के बाद
आज भी आसमान में घटाएँ हैं
ल...<b> @ इतने वर्षों के बाद<br />आज भी आसमान में घटाएँ हैं <br />लेकिन कहीं कोई कोहराम नहीं<br />कहीं कोई शोर नहीं </b><br /><br />अमां यार भरी जवानी में निराला बन रहे हो.....<br /><br />निराला जी ने बुढौती में यह सब लिखा था कि - <br />अब वो ललनाएं नहीं हैं....पत्ते कोमल नहीं रहे.....वगैरह वगैरह :) <br /><br /><br />कविता थोडा बोल्ड है लेकिन ब्यूटीफुल है।Satish Panchamhttps://www.blogger.com/profile/17579914452924942049noreply@blogger.com