tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post3001864496259868304..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: विविध गिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-55537633712111874882014-12-20T12:22:47.842+05:302014-12-20T12:22:47.842+05:30क्षमा याचना सहित
१.१ -
तुम्हारी कार कुछ भी कहे
म...क्षमा याचना सहित<br /><br />१.१ - <br />तुम्हारी कार कुछ भी कहे<br />मेरी अंतर्मुखी आँखें कहती हैं<br />ना बिछायी होती कंक्रीट<br />तो मैदान सुंदर होते।<br /><br />१.२ -<br />तुम्हारी भरी झोली कुछ भी कहे<br />मेरी अंतर्मुखी आँखें कहतीं हैं<br />न रोपे होते मल उगलते कारखाने<br />तो नदियाँ सुंदर होतीं।<br /><br />१.३ -<br />तुम्हारा खुदा कुछ भी कहे<br />मेरी अंतर्मुखी आँखें कहतीं हैं<br />न बोया होता वैमनस्य <br />तो जीवन सुंदर होता।अजय त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/06546645458064441709noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-86365355111124192042014-08-25T20:51:56.843+05:302014-08-25T20:51:56.843+05:30विविध नहीं - इन्द्रधनुषी छटा बिखेरती ये क्षणिकाएँ!...विविध नहीं - इन्द्रधनुषी छटा बिखेरती ये क्षणिकाएँ!! प्रणाम आचार्यवर!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com