tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post1955803570739936288..comments2023-10-21T21:31:12.751+05:30Comments on कवितायें और कवि भी..: तुम इतने समीप आओगे.... बुद्धिनाथ मिश्रगिरिजेश राव, Girijesh Raohttp://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-62178138174025492972011-11-13T17:56:54.056+05:302011-11-13T17:56:54.056+05:30गीत पढ़ना और सुनना दोनों अच्छा लगा.
काव्यपाठ में कव...गीत पढ़ना और सुनना दोनों अच्छा लगा.<br />काव्यपाठ में कवि ने कहा...कि 'मयूरी नाचती है'अक्सर कहा जाता है ..लेकिन मैं ने ऐसा तो नहीं सुना..मयूर नाचता ही सुना है..कोयल कूकती है ज़रूर सुनते रहते हैं ..कोयल कूकता है ..आप से सुना.<br />.........<br />कविता में धन और ऋण वाली बात पर मेरी भी सहमती कि विज्ञान से अधिक यह अर्थशास्त्र का पहलू ही लगता है .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-54387033241411647002011-11-12T18:50:08.869+05:302011-11-12T18:50:08.869+05:30सचमुच अद्भुत ,गहन प्रेमानुभूति के बिम्ब और तिस पर ...सचमुच अद्भुत ,गहन प्रेमानुभूति के बिम्ब और तिस पर आपकी प्रस्तुति -यही तो है मणि कांचन संयोग!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-63083279843765623202011-11-12T10:09:13.421+05:302011-11-12T10:09:13.421+05:30प्रकृति हमें पालती है, ढालती है, समय पड़ने पर सम्ह...प्रकृति हमें पालती है, ढालती है, समय पड़ने पर सम्हालती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6189295586546905119.post-22003928158928049042011-11-12T10:04:39.607+05:302011-11-12T10:04:39.607+05:30सुंदर गीत, सुंदर वर्णन।
आनंद आ गया। सुनने में भी प...सुंदर गीत, सुंदर वर्णन।<br />आनंद आ गया। सुनने में भी पढ़ने में भी।<br />आज के आनंद की जय।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com